‘सड़क पर स्कूल’ आंदोलन की हुई ऐतिहासिक जीत, अधिकारियों ने मानी सभी मांगे 5 नवंबर से शुरू होगा कन्या मध्य विद्यालय, पवना में निर्माण कार्य
भोजपुर के आरा-सहार मेन रोड पर सुबह 10 बजे से शाम के 07:30 बजे तक चला ‘सड़क पर स्कूल’ आंदोलन।
‘सड़क पर स्कूल’ आंदोलन की हुई ऐतिहासिक जीत, अधिकारियों ने मानी सभी मांगे 5 नवंबर से शुरू होगा कन्या मध्य विद्यालय, पवना में निर्माण कार्य
भोजपुर के आरा-सहार मेन रोड पर सुबह 10 बजे से शाम के 07:30 बजे तक चला ‘सड़क पर स्कूल’ आंदोलन।
बिहार के भोजपुर जिले के कन्या मध्य विद्यालय, पवना में पर्याप्त वर्ग भवन निर्माण, मध्य को उच्च विद्यालय बनाने, स्कूल में चारदीवारी, खेल के मैदान को स्टेडियम बनाने, सभी विद्यालयों में 7 घंटी गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित कराने आदि मांगों के साथ इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) और आइसा ने आरा-सहार मेन रोड पर लगाए ‘सड़क पर स्कूल’। इस जन आंदोलन में हजारों बच्चे व उनके माता-पिता शिक्षा के सवाल पर गोलबंद होकर शुक्रवार की सुबह 10 बजे से ही बीच सड़क पर टेंट में स्कूल लगाकर विधिवत रूप से कक्षा संचालन की।
सड़क पर लगा टेंटनुमा स्कूल के आस-पास लगे भगत सिंह, डाक्टर आंबेडकर, सावत्री बाई फुले, चद्रशेखर, रोहित वेमुला के पोस्टर, नारे और संगठन का झंडा बैनर पूरे बाजार के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
सुबह 10 बजते हो सड़क पर घंटी बजी और हजारों छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक आरा-सहार मुख्य मार्ग, पवना पर जुट गए। सड़क पर लगे इस स्कूल में राष्ट्रगान और स्कूल की पार्थना के साथ शुरू हुई कक्षा की पहली घंटी। हर एक घंटे पर घंटी बजती रही और इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, अंग्रेजी, नैतिक शिक्षा आदि की घंटिवार पढ़ाई विधिवत रूप से होती रही ।
इस दरमियान एक विशेष सांस्कृतिक सत्र का आयोजन हुआ जिसमें आरा के चर्चित जनकवि कृष्ण कुमार निर्मोही के क्रांतिकारी गीतों पर छात्र - छात्राएं झूम उठे।
सिमरन अपने स्कूल के बारे में बताते हुए रोने लगती है बार बताती है “हमारे स्कूल कन्या मध्य विद्यालय, पवना में एक कमरे में वर्ग 6वीं, 7वीं और 8वीं की पढ़ाई होती है। 4थी- 5वीं के बच्चे बरामदे में बैठते हैं और पहली, दूसरी और तीसरी के बच्चे पेड़ के नीचे बैठते हैं। स्कूल में ना शौचालय की स्थिति अच्छी है ना ही पीने का साफ पानी है ऐसे स्कूल में पढ़ाई कैसे करेंगे हमलोग? और कैसे आगे बढ़ेंगे सर ?”
वहीं प्राथमिक, मिडिल स्कूल की छात्रा दुर्गा कुमारी ने बताया की हमारे स्कूल में बच्चे फर्श पर बैठ कर पढ़ाई करते है बेंच और कुर्सी के नहीं होने के कारण हमें पढ़ाई में बहुत कठनाई होती है 7 घंटे जमीन पर बैठ कर पढ़ने के कारण हमेशा पीठ में दर्द हो जाता है।
कन्या मध्य विद्यालय, पवना की कक्षा 3 की छात्रा सीटू कुमारी के पिता में बताया की स्कूल में क्लास रूम नहीं होने के कारण मेरे बेटे को पेड़ ने नीचे पढ़ाया जाता है कई बार स्कूल के नजदीक ठनका गिरने की आशंका महसूस किया गया है। हमें अपने बच्चे की चिंता सताते रहती है। इसलिए मानसून के मौसम में हम उन्हें मजबूरन स्कूल भेजना बंद कर देते हैं।
कन्या मध्य विद्यालय की 8वीं की छात्रा साक्षी कुमारी ने बताया की स्कूल में एक ही कमरे में 6वीं, 7वीं और 8वीं की पढ़ाई होती है किसी दिन सारे बच्चे पढ़ने आ जाते हैं तो आधे बच्चों को वापस घर भेज दिया जाता है।
अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय, मिश्रवलिया के छात्र भूपेश कुमार ने बताया की हमारे क्लास रूम के छत से पानी चूता है और क्लास रूम बहुत जर्जर है कभी भी गिर सकता है हमारे स्कूल में सर लोग पढ़ाने नहीं आते हैं। कुछ बोलने पर कहते हैं की नाम काट देगे तुम्हारा।
इस पूरे आंदोलन के दरमियान लक्ष्मीना कुमारी, प्रीति कुमारी, सीमा कुमारी, रानी कुमारी, मुन्ना कुमार, अरमान हासमी, अमन कुमार सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं, अभिभावक और ग्रामीणों ने स्कूल और पढ़ाई-लिखाई संबंधी कई सारे सुझाव और शिकायत को सबके सामने रखा।
वहीं इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अंगियाव विधायक मनोज मंजिल ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे बिहार विधानसभा में सवाल उठाए जाने के बाद जल्द निर्माण की घोषणा और विधानसभा से मिले लिखित जबाब के लगभग दो साल के बाद भी वर्ग भवन निर्माण की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इस सवाल पर कई बार डीएम, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिला गया लेकिन वर्ग भवन निर्माण की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया इसलिए छात्रों-नौजवानों-ग्रामीणों ने लड़ कर स्कूल बनबाने का मूड बनाया है। आरा-सहार मुख्य मार्ग पर भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में भी छात्र-छात्राएं सड़क पर डटे हुए हैं ।
उन्होंने कहा ये विद्यालय पठन-पाठन के साथ ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्कृति एवं अंतरराज्जीय खेलकूद के एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थापित रहा है, यह विद्यालय भोजपुर के शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान और विकास के रास्ते को प्रसस्त करने के प्रतीक के रुप में स्थापित रहा है । यहां के अनगिनत शिक्षार्थी देश के अलग-अलग हिस्सों में सेवा कार्य कर रहे हैं।
इस आंदोलन से पूर्व आरवाईए नेताओं के द्वारा जिलाधिकारी, भोजपुर, एसडीएम आरा, जिला शिक्षा पदाधिकारी और बीडीओ आगिआंव को ज्ञापन दिया गया था कि सड़क पर स्कूल के समय में उपस्थित होकर छात्रों-अभिभावकों व नागरिकों से शौहार्द पूर्ण बाते करें एवं कन्या मध्य विद्यालय, पवना में पर्याप्त वर्ग भवन निर्माण समेत सभी मांगों को अविलंब पूरा करने की गारंटी करें, लेकिन 3 बजे तक प्रशासन की कोई खोज खबर नहीं रही।
3 बजे के बाद आये अगिआंव बीडीओ सुनील कुमार सिंह और बीईओ मो. अहसान लेकिन छात्र-छात्राएं और जनता DM को बुलाने पर अड़ी रही।
DM के छुट्टी पर रहने के कारण शाम करीब 06 बजे SDM ज्योतिनाथ सहदेव पहुंचे तब जाकर शुरू हुई वार्ता जो करीब दो घंटे चली और हरेक बिंदु पर विस्तारपूर्वक बात हुई वार्ता में SDM, BDO और DEO ने सारी शर्तें मान ली और 5 नवंबर से कन्या मध्य विद्यालय, पवना में भवन निर्माण कार्य शुरू करने का वादा किया इसके बाद रात 8 बजे आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की गई।
इस आंदोलन के माध्यम में अधिकारियों के समक्ष निम्नलिखत मांगे उठाई गई --
1. कन्या मध्य विद्यालय, पवना में पर्याप्त वर्ग भवन की गारंटी की जाए।
2. सभी स्कूलों में 7 घंटी पढ़ाई और नियमित रूप से वर्ग संचालन की गारंटी की जाए ।
3. हाई स्कूल,पवना में नियमित रूप से दसवीं और नौवीं की क्लास हो 7 घंटी पढ़ाई सुनिश्चित करने की गारंटी की जाए ।
4. हाई स्कूल और मध्य विद्यालय,पवना में चारदीवारी निर्माण,पीने के पानी, शौचालय और मूलभूत सुविधाओं की गारंटी की जाए।
5. पवना खेल मैदान में बच्चों के खेलने के लिए स्टेडियम का निर्माण कराया जाए ।
6. उर्दू प्राथमिक विद्यालय,पवना में उर्दू शिक्षक को पदस्थापित किया जाए ।
7. अनुसूचित जाति विद्यालय, पवना और अनुसूचित जाति विद्यालय, अरैला, पवना में चारदीवारी निर्माण, शौचालय निर्माण, पीने का साफ पानी और मूलभूत सुविधाओं की गारंटी की जाए।
इस पूरे आंदोलन को सफल बनाने में आरवाईए के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार, जसम के लोकप्रिय जनकवि कृष्ण कुमार निर्मोही, युवा नेता राजू राम, आर्रवाईए नेता अप्पू यादव, अखिलेश गुप्ता, अमित यादव, हरिनारायण, राजेश गुप्ता, उपेंद्र कुशवाहा, धनकिशोर रजक, सोनू कुमार, मनमोहन, भाकपा (माले) आगिआंव अंचल सचिव रघुवर पासवान, चरपोखरी अंचल सचिव महेश सिंह, गड़हनी अंचल सचिव राम छपित राम सहित माले नेता दसई राम, जय कुमार यादव, प्रमोद यादव, भुलेटन पासवान, विष्णु मोहन आदि साथियों की अहम भूमिका निभाई।
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