रामनगर (नैनीताल) आरवाईए द्वारा वन ग्रामों की समस्याओं के समाधान की मांग पर तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन
रामनगर (नैनीताल) आरवाईए द्वारा वन ग्रामों की समस्याओं के समाधान की मांग पर तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन
रामनगर (नैनीताल) द्वारा वन ग्रामों की समस्याओं के समाधान की मांग पर तहसील कार्यालय में धरना प्रदर्शन, जोशीमठ के संकटग्रस्त परिवारों के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए उनके सुरक्षित व सम्मानजनक पुनर्वास की मांग भी उठाई
11 जनवरी टिहरी जनक्रांति के नायक अमर शहीद कॉमरेड नागेंद्र सकलानी शहादत दिवस पर तहसील कार्यालय रामनगर में धरना प्रदर्शन करते हुए उपजिलाधिकारी रामनगर के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
धरने को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के संयोजक एडवोकेट विक्रम मावड़ी ने कहा कि, "आजादी के 75 वर्षाें बाद भी वन ग्रामों, खत्तों में रहने वाली हज़ारों की आबादी अपने मूलभूत नागरिक अधिकारों से वंचित है। यह देश के लोकतंत्र पर सवालिया निशान लगा देता है। वन ग्रामों में रहने वाले लोग जो आजादी के समय से ही स्थायी रूप से वन ग्रामों और खत्तों में रहकर पशुपालन, दूध उत्पादन, खेती, मेहनत मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से गुजर बसर करते आ रहे हैं। इतनी बड़ी आबादी को मूलभूत अधिकार मिलना ही चाहिए।"
इंकलाबी नौजवान सभा की सह संयोजक रेखा ने कहा कि, "पटरानी वन ग्राम में रहने वाली हजारों नागरिकों की आबादी के बीच शेर, बाघ, हाथी, भालू, सुअर घरों तक पहुँच रहे हैं। सोलर फेंसिंग न होने से जंगली जानवरों द्वारा गांव में भारी तबाही और जान माल का खतरा हमेशा बना रहता है। बरसात के चार माह बाकी दुनिया से इसका सम्पर्क कट जाता है।शासन-प्रशासन द्वारा आजतक कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं गम्भीर बीमारियों के समय संकट में पड़ जाते हैं। साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों को हमेशा खतरे के साए में जाना होता है।"
भाकपा (माले) के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, "दशकों से किसी स्थान पर बसी आबादी को वन ग्राम का दर्जा देने के बाद राज्य सरकार के प्राथमिकता इन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने की होनी चाहिए। लेकिन राज्य सरकार इस ओर कोई कदम नहीं उठा रही है बल्कि इसके ठीक उलट कभी इको सेंसेटिव जोन के नाम पर कभी पर्यावरण संरक्षण के नाम पर हजारों की इस आबादी को उजाड़ने की कवायद चलती रहती है। जिस कारण हजारों की आबादी हमेशा बेघर कर दिए जाने की आशंकाओं के बीच जी रही है। पुछड़ी वन ग्राम तो रामनगर के कूड़ा घर में तब्दील कर दिया गया है और एन जी टी के मानकों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। साथ ही इन क्षेत्रों में नशे के अवैध व्यापार ने युवाओं को निशाना बनाकर भावी पीढ़ी को संकट में धकेलने का काम किया है जो कि बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है। अपनी ही जनता के खिलाफ़ सरकार का यह रवैया शर्मनाक है।"
आइसा नगर अध्यक्ष सुमित ने कहा कि, "वन ग्राम पुछड़ी में हजारों की आबादी कोसी नदी के रहमो करम पर जीवन यापन कर रही है। बरसात में नदी के रौद्र रूप ने पुछड़ी वन ग्राम को बार बार बहुत नुकसान पहुंचाया है लेकिन सरकार ने इस वन ग्राम को बचाने के लिए बुनियादी काम करते हुए स्थायी तटबंध बनाने में अनिच्छा ही दिखाई है। क्या सरकार यहां भी जोशीमठ की तरह किसी बड़ी आपदा का इंतजार कर रही है?"
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि मांगों पर जनहित में शीघ्रता से निर्णय नहीं हुआ तो संगठन को क्षेत्रीय जनता को साथ लेकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
इसके साथ ही जोशीमठ के संकटग्रस्त नागरिकों के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए उनके सुरक्षित व सम्मानजनक पुनर्वास की मांग भी उठाई गई।
धरना प्रदर्शन में इंकलाबी नौजवान सभा के संयोजक विक्रम मावड़ी, सह संयोजक रेखा, भाकपा माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, आइसा नगर अध्यक्ष सुमित, इको सेंसेटिव जोन संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, देवभूमि विकास मंच के मनमोहन अग्रवाल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित, मालधन डिग्री कॉलेज की पूर्व सचिव नेहा, रिंकी, पूनम, शारदा देवी, अमन, गोपाल, विजय कुमार, आशा, अनिता, गुंजन, गौरा, पूनम, डौली, शांति देवी, हिमानी, कंचन, प्रिया, प्रीति, डिंपल भारती, दीपक, अजय कुमार, शान्ति जोशी, तुलसी, कुसुम, जानकी पांडे, अनीता आदि शामिल रहे।
मांगें:
1. पटरानी, पुछड़ी,आमडण्डा खत्ता, सुंदरखाल वन ग्रामों समेत सभी वन ग्रामों और खत्तों को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल व उत्तराखण्ड राज्य विधानसभा से पारित किया जाए।
2. जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु पटरानी वन ग्राम समेत कार्बेट से लगे सभी वनग्रामों की चारों ओर से सोलर फेन्सिंग की जाए।
3. आम जनता के आने-जाने के लिए ढेला से पटरानी के बीच एक पक्की रोड की व्यवस्था की जाए ।
4. पुछड़ी वन ग्राम के कोसी नदी से लगे क्षेत्र में स्थाई तटबंधों का निर्माण अविलंब किया जाए।
5. पटरानी के सभी बच्चों जो ढेला पढने आते हैं कि पूर्ण सुरक्षा में आने जाने की व्यवस्था की जाय।
6. वन ग्राम पुछड़ी में फेंके जा रहे रामनगर शहर के कूड़े का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मानकों के तहत सही तरह निस्तारण किया जाय।
7. क्षेत्र की युवा आबादी को नशे की गिरफ्त में जाने से रोकने के लिए अवैध नशे के व्यापार पर रोक लगाई जाए तथा नशे के अवैध कारोबारियों के विरुद्ध सख्ती से अभियान चलाकर दंडित किया जाय।
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