यूपी मांगे रोज़गार अभियान ने प्रेसवार्ता करके 'रोज़गार अधिकार घोषणापत्र' जारी किया।
यूपी मांगे रोज़गार अभियान ने प्रेसवार्ता करके 'रोज़गार अधिकार घोषणापत्र' जारी किया।
यूपी मांगे रोज़गार अभियान ने प्रेसवार्ता करके 'रोज़गार अधिकार घोषणापत्र' जारी किया।
29 दिसम्बर को इलाहाबाद में तथा 11 जनवरी को बनारस में होगी रोज़गार महापंचायत।
लखनऊ के प्रेस क्लब में यूपी मांगे रोज़गार अभियान की ओर से प्रेसवार्ता की गई तथा 'रोज़गार अधिकार घोषणापत्र' जारी किया गया। विभिन्न छात्र-युवा संगठनों के साझा मंच के रूप में खड़े हुए इस अभियान ने बीते 4 महीने से चल रहे इस अभियान के अगले चरण की घोषणा की। आगामी 29 दिसम्बर को इलाहाबाद तथा 7 जनवरी को बनारस में रोज़गार महापंचायत करने का निर्णय लिया गया।
प्रेस कर्मियों को सम्बोधित करते हुए यूपी मांगे रोज़गार के संयोजक सुनील मौर्य ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश की सरकार रोज़गार देने में नम्बर 1 होने की बात करती है, 70 लाख रोज़गार देने का वादा करके सत्ता में आई योगी सरकार साढ़े चार साल में साढ़े 4 लाख रोज़गार देने का दावा कर रही है जबकि इतना रोज़गार युवाओं को मिला ही नहीं है। लखनऊ की सड़कों पर लगातार बेरोजगार नौजवानों के आंदोलन यह साबित करते हैं कि सरकार रोज़गार देने में, परीक्षा कराने में, आरक्षण लागू करने में विफल हुई है।"
प्रेस वार्ता में मौजूद आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन.साईं बालाजी ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश में इस मुश्किल घड़ी में रोज़गार आंदोलन का कारवाँ शुरू करने के लिए 'यूपी मांगे रोज़गार' अभियान बधाई का पात्र है।" उन्होंने यह भी कहा कि," हमारी मांग है कि सरकार यूपीएससी की तर्ज पर हर नौकरी के लिये जॉब कैलेंडर जारी करे। हम विपक्षी दलों से यह अपील करना चाहते हैं कि वे रोज़गार अधिकार घोषणापत्र को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें।"
समाजवादी छात्र सभा के नेता अंकित सिंह बाबू ने कहा कि, "रोज़गार को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने के लिये हम आखिरी समय तक संघर्ष करेंगे। युवा अब एकजुट हो चुके हैं तथा सरकार को पीछे हटना ही होगा।"
आइसा की प्रदेश उपाध्यक्ष चंदा यादव ने कहा कि, "योगी सरकार के दिन पूरे हो चुके हैं इसीलिए वे रोज़गार के लिए आंदोलनरत युवाओं पर लाठीचार्ज कर रही है। इसका जवाब आगामी चुनावों में युवा योगी सरकार की विदाई करके देंगे।"
69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले के खिलाफ चल रहे आंदोलन के नेता अमरेंद्र सिंह ने कहा कि, "यह सरकार सामाजिक न्याय की हर स्तर पर हत्या करने पर तुली हुई है। 69000 सिर्फ एक अकेला घोटाला नहीं है ऐसे कई और घोटाले हुए हैं। इनके खिलाफ एक बड़ी एकजुटता से लड़ना है तथा यूपी मांगे रोज़गार इस दिशा में एक अच्छी पहल कर रहा है।"
आइसा लखनऊ जिलाध्यक्ष कॉमरेड प्राची मौर्य ने कहा कि, "एक ओर तो यह सरकार रोज़गार के अवसरों को खत्म कर रही है वहीं दूसरी ओर छात्रों को शिक्षा से बेदखल करने की योजना नई शिक्षा नीति को भी उसी तेज़ी के साथ लागू कर रही है। यह बेहद चिंताजनक है।"
युवा किसान नेता मारुति मानव ने कहा कि, "किसान आंदोलन अपने संघर्षों के बल पर जीत के मकाम तक पहुंचा। इसी तरह युवाओं को भी कमर कस के डट जाना होगा और इस सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।"
प्रेसवार्ता के माध्यम से यह घोषणा की गई कि प्रदेश के विभिन्न जिलों रोज़गार महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।
प्रेस वार्ता को CYSS के नेता अनीत रावत, इंकलाबी नौजवान सभा (RYA) के प्रदेश संयुक्त सचिव राजीव गुप्ता, AIYF के नेता नीरज यादव आदि ने भी सम्बोधित किया। प्रेसवार्ता के दौरान आइसा के जिला सचिव आदर्श शाही, अंजली, फरवा, अतुल, आइसा के प्रदेश अध्यक्ष आयुष श्रीवास्तव, हर्षित अवस्थी, वर्तिका आदि मौजूद रहे।
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