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भारी बारिश के बावजूद अग्निपथ योजना के खिलाफ सैकड़ों नौजवानों ने किया द्वारा बिहार विधानसभा का घेराव।


अग्निपथ के खिलाफ विधानसभा मार्च कर रहे छात्र-युवा नेताओं को हिरासत में लिया गया देर शाम तक उन्हें छोड़ा गया.

 
बिहार सरकार से अग्निपथ के खिलाफ बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की मांग की गई. 
अग्निपथ के खिलाफ विधानसभा मार्च कर रहे छात्र-युवा नेताओं को हिरासत में लिया गया देर शाम तक उन्हें छोड़ा गया.
आरवाईए  राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर सहित सभी आंदोलनकारियों पर लादे गए झूठे मुकदमों की वापसी व उनकी रिहाई की मांग की गई. 
आरवाईए, आइसा, छात्र राजद, एनएसयूआई, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा व सेना भर्ती जवान मोर्चा ने विधानसभा मार्च में लिया हिस्सा. 
केंद्र सरकार द्वारा सेना में ठेका आधारित बहाली की शुरूआत करने वाली अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार विधानसभा के चालू सत्र से प्रस्ताव पारित करने, आंदोलनकारियों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने और आरवाईए के प्रदेश उपाध्यक्ष तारिक अनवर सहित सभी गिरफ्तार 1200 युवाओं की बिना शर्त रिहाई की मांग पर आरवाईए, आइसा, छात्र राजद, एनएसयूआई, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा व सेना भर्ती जवान मोर्चा द्वारा आहूत आज के बिहार विधानसभा मार्च के दौरान जेपी गोलबंर पर पुलिस व प्रदशनकारियों में झड़प हुई और बाद में कई छात्र-युवा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. तकरीबन 50 छात्र-युवा नेताओं को गेट पब्लिक लाइब्रेरी में रखा गया.
गिरफ्तार छात्र-युवा नेताओं में प्रमुख रूप से आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, आरवाईए के मानद राज्य अध्यक्ष व डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा, आरवाईए के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार, राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम आदि नेता शामिल थे.
इसके पहले कारगिल चौक से छात्र-युवाओं का विधानसभा मार्च शुरू हुआ. जिसका नेतृत्व उपुर्यक्त नेताओं के अलावा सेना भर्ती जवान मोर्चा के संयोजक राजू यादव, आइसा के राष्ट्रीय महासचिव व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, आइसा के कार्यकारी राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत कुमार, आरवाईए के सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष व जिरोदई विधायक अमरजीत कुशवाहा, आरवाइए के बिहार अध्यक्ष आफताब आलम, छात्र राजद के बिलाल खान, गगन यादव, भीम यादव, आलोक रंजन, एनएसयूआई के अली रजा हाशमी आदि ने किया.
अग्निपथ के खिलाफ बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित करो, भाजपाइयों शर्म करो - स्थायी रोजगार का प्रबंध करो, तानाशाह का साथ छोड़ो-नीतीश कुमार चुप्पी तोड़ो, आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लो, गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा करो, सेना का मनोबल गिराना बंद करो, सेना बहाली में ठेका बहाली नहीं चलेगी आदि नारे लगाते हुए कारिगल चैक से मार्च शुरू हुआ. इस मार्च को जेपी गोलंबर पर रोक दिया गया, जहां पुलिस की भारी बंदोबस्ती थी. आक्रोशित छात्र-युवा वहां पर घंटो नारेबाजी करते रहे. वे मुख्यमंत्री से मिलकर अपना ज्ञापन सौंपना चाहते थे. बाद में अमरजीत कुशवाहा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलाने का प्रशासन ने आश्वासन दिया. प्रदर्शन इस बीच जारी रहा.
प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े रहे कि जबतक प्रतिनिधिमंडल नहीं आ जाता, वे सड़क पर ही खड़े रहेंगे. इसको लेकर प्रशासन व आंदोलकारियों में हलकी झड़प भी हुई. उसके कुछ देर बाद ही आंदोलनकारी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
छात्र-युवा नेताओं ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि अग्निपथ के खिलाफ पूरे देश और खासकर बिहार में छात्र-युवाओं का तीखा आक्रोश दिखा और जगह-जगह प्रतिरोध हुए. 2014 में भाजपा ने प्रत्येक साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था. नीतीश कुमार ने भी 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 19 लाख रोजगार का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में सरकार की पहलकदमी निराश करने वाली है. अभी भी लगभग सभी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं. कुछेक बहालियां हो भी रही हैं तो वह ठेका आधारित, जहां युवाओं का भविष्य पूरी तरह असुरक्षित है.
अब केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के जरिए सेना की बहाली में भी अवसर को घटाकर महज 4 साल कर दिया है. केंद्र सरकार के इस निर्णय से सम्मानजक रोजगार की बाट जोह रहे युवाओं को गहरा आघात लगा है. यह निर्णय देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी अत्यंत खतरनाक है. यह हमारी सेना के मनोबल को गिराएगा और उसकी पूरी संरचना को तहस-नहस कर देगा. इसलिए केवल छात्र-समुदाय ही नहीं बल्कि पूरा देश इसका विरोध कर रहा है. देश की सुरक्षा व्यवस्था से सरकार ही खेल रही है. इसकी इजाजत देश कैसे दे सकता है?
उन्होंने कहा कि बिहार में विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ एनडीए में रहते हुए जदयू ने भी अग्निपथ योजना का विरोध किया था, लेकिन दूसरी ओर आंदोलनरत युवाओं पर बर्बर पुलिस दमन भी ढाया गया. युवा संगठन आरवाइए के बिहार राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर पर एक फर्जी मुकदमा लादकर आंदोलन के दौरान जेल भेज दिया गया. आज पूरे राज्य में 1200 से अधिक छात्र-युवाओं की गिरफ्तारी हो चुकी है, उनकी धर-पकड़ लगातार जारी है और उनके बीच आतंक का माहौल कायम किया जा रहा है. यदि नीतीश कुमार अग्निपथ योजना के खिलाफ हैं तो फिर पुलिस छात्र-युवा समुदाय के बर्बर दमन पर क्यों उतर आई है? नीतीश कुमार विधानसभा से चार राज्यों की तरह अग्निपथ के खिलाफ प्रस्ताव पारित क्यों नहीं करते?
यह लड़ाई उस वक्त तक जारी रहेगी जबतक कि अग्निपथ योजना को पूरी तरह रद्द नहीं कर दिया जाता.

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