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प्रेस कॉन्फ्रेंस: 18-19 फरवरी को रोजगार के सवाल पर आरवाईए करवाएगा "यंग इंडिया जनमत संग्रह"


28 फरवरी 2024 को 'चलो दिल्ली - यंग इंडिया रैली' होगी।
आरवाईए ने देश के विभिन्न जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर केंद्र की भाजपा सरकार में रोजगार की स्थितियों पर 18-19 फरवरी को जनमत संग्रह करवाने की घोषणा की गई.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरवाईए के नेताओं ने कहा कि पिछले दस साल के मोदी सरकार ने देश में बेरोजगारों की फौज खड़ी कर दी है. नौकरियों के 30 लाख से ज्यादा खाली पदों को दस साल में नहीं भरा गया और ऊपर से पहले से मौजूद पदों को ख़त्म भी किया गया. भारतीय रेलवे में 3 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं लेकिन मोदी सरकार की इसे भरने में कोई रूचि नहीं है. रेलवे को नीलामी के बाज़ार में रख दिया गया है. ट्रेन, स्टेशन, प्लेटफार्म, रूट, स्टेडियम, स्कूल बेचे जा रहे हैं और बड़े पैमाने पर ठेकाकरण किया जा रहा है.

100 से ज्यादा सरकारी कंपनियों का शेयर बेच दिया गया जिससे नौजवानों की नौकरियां तो प्रभावित हुई ही साथ ही साथ देश की आमदनी भी प्रभावित हुई. सेना में अग्निपथ योजना लाकर बहाली को ठेका पर कर नौजवानों के भविष्य पर बुल्डोजर चलाया गया.
जिन नौजवानों के हाथ को काम चाहिए उनके हाथ में तलवार थमा कर मुसलमानों का मोहल्ला दिखा दिया जा रहा है. रोजगार चाहने वाले हाथ में नफरत परोसा जा रहा है और इस दौर को अमृत काल बताया जा रहा है. ऐसे समय में नौजवानों की यह जिम्मेदारी है की वो इस तबाही बर्बादी के खिलाफ बहादुरी से खड़े हों.

इसके लिए आरवाईए रोजगार की स्थिति पर 'यंग इंडिया जनमत संग्रह' करवाएगी. यह 18-19 फरवरी को जिले के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले नौजवानों, शिक्षित बेरोजगारों के बीच चलाया जाएगा.

नेताओं ने आगे बताया तमाम प्रगतिशील छात्र- युवा संगठनों एवम् आंदोलनों का संयुक्त मंच यंग इंडिया द्वारा आगामी 28 फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर '2024 लोकसभा चुनाव का एजेंडा तय करेगा यंग इंडिया' के नारे के साथ 'चलो दिल्ली-यंग इंडिया रैली' का आह्वान किया गया है यह आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा-आरएसएस के नफरती एजेंडे के खिलाफ़ शिक्षा-रोजगार को केंद्रीय मुख्य मुद्दा बनाने का एक साझा प्रयास है.

सभी समान विचारधारा वाले प्रगतिशील, जनवादी संगठनों एवं छात्र-नौजवानों से इस रैली में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की गई.

युवा नेताओं ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन पर हरियाणा और दिल्ली पुलिस द्वारा ड्रोन के जरिए आंसू बम बरसाए जाने, रबर बुलेट से हमले एवं उनके रास्तों में किल और कंक्रीट की दीवार खड़ा कर देने की घटना की तीव्र निंदा करते हुए किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.


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