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पेपर लीक पर संयुक्त आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए "इंडिया यूथ फ्रन्ट" की बैठक


I.N.D.I.A. अलाइन्स के युवा मोर्चे India Youth Front की लगातार हो रहे पेपर लीक पर संयुक्त नौजवान आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए हिमाचल सदन, दिल्ली में बैठक हुई। जिसमें आरवाईए की तरफ से राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड सबा परवीन ने हिस्सा लिया।

गौरतलब  हो कि देशभर में पिछले सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं, जिससे लाखों छात्र-युवा प्रभावित हुए हैं, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार झूठी सहानुभूति दिखाने के अलावे और कुछ नहीं कर रही है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार दोबारा परीक्षा करवाने, परीक्षा रद्द करने या जांच की मांग कर रहे छात्र आंदोलनों पर बेहद अहंकारी रुख अपनाते हुए बलपूर्वक इसे कुचलने की कोशिश की है। यह आरआरबी-एनटीपीसी पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ भी किया गया था और हाल ही में NEET-UG पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ फिर से किया गया है। 

सरकार द्वारा NEP के तहत “वन नेशन वन एक्जाम” पॉलिसी लागू कर रही है और सारी परीक्षाओं को करवाने के ठेका एक- एक करके National Testing Agency (NTA) को सौंप दिया। लेकिन अगर हम पिछले सालों का NTA का ट्रैक रिकार्ड देखें तो कई परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इससे साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि NTA इन परीक्षाओं को करवाने में पूरी तरीके से फेल साबित हुई है। 

NEET- UG का पेपर लीक हो गया और परीक्षा परिणामों में बहुत अधिक विसंगतियां देखने को मिली। पेपर लीक से करीब 24 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। इस परीक्षा में 100% अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या असामान्य रूप से अधिक रही है और 100% प्राप्त करने वाले अधिकांश छात्र एक ही परीक्षा केंद्र या एक ही स्कूल से हैं। परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र टेलीग्राम पर उपलब्ध था। पेपर लीक में शामिल होने के आरोप में गुजरात और बिहार समेत अन्य राज्यों में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन अभी तक पेपर रद्द नहीं किया गया है। 

सरकार ने अब तक परीक्षा के आयोजन में किसी भी तरह की गड़बड़ी को मानने से इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के पास मन की बात करने का समय है, लेकिन NEET पेपर लीक के मुद्दे को संबोधित करने के लिए उनके पास समय नहीं है। वह डॉक्टरों को डॉक्टर दिवस की शुभकामनाएं देने के लिए ट्वीट करते हैं, लेकिन भविष्य के डॉक्टरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे तंत्र पर चुप्पी साधे हुए है।


I.N.D.I.A के युवा मोर्चा इंडिया यूथ फ्रन्ट द्वारा निम्नलिखित मांगों पर छात्रों और युवाओं की आवाज उठाने और आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया- 
• NEET परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर पुनः परीक्षा कराने का आदेश दिया जाए।
• इस मुद्दे पर चर्चा करने और पेपर लीक के संबंध में देश और छात्रों की शिकायतों को संबोधित करने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाए। 
• शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेपर लीक का नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे। 
• एनटीए को रद्द किया जाए। 
बैठक ने सरकार से छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए हमारी मांगों पर अविलंब कारवाई करने की मांग की।

साथ ही बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक हालात, बेरोजगारी, महंगाई, महिला हिंसा और अग्निवीर योजना के खिलाफ देशभर में आंदोलन पर विचार-विमर्श किया गया।

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