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टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टॉकटाइम और डाटा रिचार्ज में बढ़ोतरी के खिलाफ बिहार में आरवाईए ने किया राज्यव्यापी प्रदर्शन



टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टॉकटाइम और डाटा रिचार्ज की कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी के विरोध में इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने एक बड़ा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन 18 सितंबर को आयोजित किया। प्रदर्शन मुख्य रूप से JIO स्टोर के सामने हुआ, जहां सैकड़ों की संख्या में युवा और कार्यकर्ता एकत्र हुए और अपनी मांगों को बुलंद किया। इस विरोध के माध्यम से उन्होंने कंपनी के चेयरमैन आकाश अंबानी को एक ज्ञापन भी भेजा, जिसमें टेलीकॉम सेवाओं की महंगाई के खिलाफ छात्र - नौजवानो की परेशानी को रेखांकित किया गया।

साथ ही टेलीकॉम कंपनियों द्वारा बार-बार किए जा रहे टैरिफ में बढ़ोतरी को वापस लेने, सस्ते मोबाइल/डेटा प्लान की तत्काल घोषणा करने, बंद सेवाएं को बहाल करने, 28 दिन के बदले 30–31 तक प्लान की वैधता देने, एवं TRAI के सेवा मानकों का सख्ती से पालन करने जैसी मांगे उठाई गई।

अरवाईए नेताओं ने कहा की रिलायंस ग्रुप की जियो ने अन्य टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर बाजार में अपनी मोनोपोली स्थापित करने के बाद कीमतों में अत्यधिक वृद्धि की है, जिससे आम जनता और खासकर छात्रों, मजदूरों और निम्न आय वर्ग के लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।

टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अचानक बढ़ाए गए दाम, जो सीधा आम आदमी की जेब पर असर डाला है। इन कंपनियों ने मनमाने ढंग से अपने टैरिफ और डाटा पैक के दाम बढ़ा दिए, जिससे हमारे देश के करोड़ों उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं।

टेलीकॉम सेवाएं अब केवल मनोरंजन की चीज़ नहीं रहीं, बल्कि यह एक बुनियादी आवश्यकता बन चुकी है। चाहे किसी किसान की बात हो, जन वितरण प्रणाली सहित अन्य सरकारी लाभ लेने वालो देश के करोड़ों गरीबों की बात हो या किसी छात्र की, जो ऑनलाइन क्लासेस के जरिए अपनी पढ़ाई कर रहा है, सबके लिए किफायती दरों पर इंटरनेट और कॉल सेवाओं का उपलब्ध होना जरूरी है।

जिओ कंपनी जिसने शुरुआती दौर में कम दामों पर सेवाएं देकर उपभोक्ताओं का विश्वास जीता, उसके बाद वो लगातार अपने टैरिफ के दामों में वृद्धि कर रही है जो उपभोक्ताओं के साथ क्रूर मजाक और अन्याय है। जिओ ने बाजार में प्रतिस्पर्धा के नाम पर दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटरों को पीछे छोड़ने की कोशिश की और अब, जब अधिकांश लोग उनकी सेवाओं पर निर्भर हो चुके हैं, तो वह अपने दाम बढ़ाकर उन लोगों पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं।

जियो कंपनी के चेयरमैन आकाश अंबानी बताएं क्या यह उचित है कि ऐसे समय में जब देश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, टेलीकॉम कंपनियां मुनाफाखोरी के नए तरीके अपना रही हैं? क्या यह न्याय है कि इंटरनेट जैसी बुनियादी सेवाओं को महंगा कर दिया जाए, जब डिजिटल इंडिया का सपना देखा जा रहा है?

आरवाईए जिओ और अन्य कंपनियों से इस बढ़े हुए दाम का पुरजोर विरोध करता है. और छात्र नौजवानों से अपील करता है हमें अपनी आवाज़ उठानी होगी ताकि कंपनियों को यह समझ में आए कि हम उपभोक्ता उनकी मनमानी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम सरकार से भी मांग करते है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और सुनिश्चित करे कि टेलीकॉम सेवाएं सभी के लिए सस्ती और सुलभ रहें।

हम एकजुट होकर इस अन्याय और लूट का विरोध करेंगे और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक कि कंपनियां अपनी मनमानी न रोकें और आम लोगो के हित में काम न करें।

इंकलाबी नौजवान सभा के इस प्रदर्शन को राज्यभर में जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ। छात्र-नौजवानों, श्रमिकों और कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी एकजुटता दिखाई। आरवाईए के प्रमुख नेताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आने वाले समय में वे आंदोलन को और भी बड़ा रूप देंगे और राज्यभर में अन्य टेलीकॉम स्टोर्स और उनके दफ्तरों का घेराव करेगी।

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