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कोडरमा लोकसभा के बरकट्ठा में युवा जोहार महासम्मेलन में युवाओं ने लिया चुनाव में भाजपा को हरा कर नया कोडरमा बनाने का संकल्प.


युवा जोहार महासम्मेलन को संबोधित करते बगोदर विधायक विनोद सिंह ।


दस साल के मोदी शासन में नौजवानों के साथ की गई गद्दारी का लेंगे हिसाब, देंगे जवाब!

 
इंकलाबी नौजवान सभा ने बरकट्ठा प्रखंड मैदान में आयोजित युवा जोहार महासम्मेलन से नौजवानों के भविष्य के साथ हुई तबाही और बर्बादी के खिलाफ बड़ी एकता बना कर गाँव-गाँव में संगठित अभियान चलाने का किया ऐलान.

सम्मेलन की शुरूआत किसान आन्दोलन में शहीद हुए नौजवान किसान को श्रद्धांजलि देकर हुईं.

युवा जोहार महासम्मेलन को संबोधित करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि पिछले दस सालों में मोदी सरकार ने युवाओं को ही सबसे ज्यादा छलने का काम किया है. नया रोजगार तो छोड़िए सभी नियुक्तियों को ठेकेदारी में तब्दील कर रोजगार पर ही ताला लगा दिया गया। पीएम आवास योजना राज्य में बन्द है, मिड डे मील, जल सहिया, स्वास्थ्य सहिया, पोषण सखी कोई भी योजना हो सबके साथ वादाखिलाफी की गई है। अब केंद्र सरकार के मातहत सरकारी उपक्रमों में स्थानीय को 75 प्रतिशत रोजगार देने का नियम लागू नहीं होगा।

बालू हो या ढीबरा अब केंद्र की अनुमति के बिना इसका उठाव नहीं हो पाएगा।  दस बार कोडरमा से भाजपा को जिताने वाले ढिबरा मजदूरों पर केन्द्र ने नया नियम थोप कर जीना मुश्किल कर दिया है। मजदूरों के शव गांव तक वापस लौटे तो इसके लिए केंद्र उन प्रवासी मजदूरों के लिए कोई कानून नहीं बनाया है। आयुष्मान कार्ड देश में लागू नहीं होता है। एनएच और जीटी रोड से टोल टैक्स तो उगाही की जाती है पर कंपनियों की लापरवाही से सड़क दुर्घटना में मौत के लिए कंपनियों को दंडित नहीं किया जाता है।

जेपीएससी और मनरेगा जैसे घोटाले की जांच भाजपा सीबीआई और ईडी नहीं कराती है क्योंकि जांच हुई तो बाबूलाल समेत कई नेता जेल जाएंगे। भाजपा को भ्रष्टाचार से दिक्कत नहीं है बल्कि भाजपा का कमल भ्रष्टाचार के कीचड़ में ही खिलता है। कंपनियों से सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को ही मिला है। 10 वर्षो में धनबाद, कोडरमा से मुंबई और दक्षिण भारत के लिए कोई ट्रेन की शुरूआत नहीं हुई है। ओबीसी के आरक्षण में राज्यपाल ही अड़ंगा पैदा कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि लाल झंडे का प्रतिनिधि इस बार जीतकर लोकसभा में जाए तो झारखंड के नौजवानों की आवाज़ लोकसभा में गूंजे.


सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि इस वतन से वफादारी का हमारा लम्बा इतिहास है, देश के तानाशाह ने हसीन सपने दिखाए थे कि हवाई चप्पल वाले भी हवाई जहाज की सवारी कराएँगे, हर साल दो करोड़ युवाओँ को रोजगार मिलेगा, आदि-आदि. पर ये सपने आज भी पूरे नहीं हुए. आज देश मे बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि युद्ध की हालत में भी देश के युवा काम के लिए इजराइल जाने को मजबूर है। हिंसा और नफरत का माहौल के खिलाफ़ 28 फ़रवरी को दिल्ली में आयोजित यंग इंडिया रैली के माध्यम से देश के छात्र-युवा सरकार से जवाब तलब करेंगे।

युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए डुमराव से विधायक और आरवाईए बिहार राज्य के सम्मानित अध्यक्ष अजित कुशवाहा ने कहा कि बिहार में हमने रोजगार की लड़ाई मजबूती से लड़ी है, बिहार के नौजवानों का आज प्राथमिक एजेंडा रोजगार है. महागठबंधन की 17 महीने की सरकार ने लाखों नौजवानों को रोजगार भी दिया है. आगे आने वाले दिनों में भी रोजगार के सवाल पर आन्दोलन जारी रहेगा. लोकसभा चुनाव का भी प्राथमिक एजेंडा रोजगार ही होने वाला है चाहे भाजपा-आरएसएस जितना भी जोर लगा ले. हम झारखण्ड के नौजवानों से भी अपील करने आए हैं कि आप भी रोजगार के सवाल पर एकताबद्ध रहे. वो इधर-उधर की बात करेंगे लेकिन आप रोजगार पर डटे रहिए.

पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि देश में अच्छे दिन का माहौल तो कतई नहीं है। अगर सचमुच में कोई माहौल है तो वो तबाही का माहौल है. देश के युवाओं-छात्रों को दंगाई बनाया जा रहा है। आज देश और देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाना छात्र-युवाओं का पहला काम होना चाहिए. कोडरमा की सांसद नौजवानों से बेहतर भविष्य का वादा किया था लेकिन नौजवानों को निराशा के सिवा कुछ नहीं मिला. इसलिए इस धोखे का जवाब यहाँ के युवाओं को देना होगा और आने वाले चुनाव में इसका पूरा-पूरा हिसाब भाजपा से लेना होगा. आज देश को बचाने के लिए किसानों और नौजवानों की एकता की जरूरत है.
 
ऐपवा नेत्री जयंती चौधरी ने कहा कि सरकारी सोच युवाओं को राजनीति से अलग रहने को कहती है लेकिन राजनीति युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर रही है तो युवाओं को भी तय करना होगा की उनकी राजनीति क्या होगी. युवाओं से ये तानाशाह सरकार डरती है इसलिए वो नहीं चाहती कि युवा अपने देश व भविष्य के बारे में सोचे. युवाओं की जिंदगी बर्बाद करने वाली केन्द्र सरकार के दस साल का हिसाब देश के युवाओं को करना होगा.

इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि जिस दौर में शासन की लाठी सबसे ज्यादा नौजवानों के पीठ पर पड़ी है उसे अमृतकाल कहा जा रहा है और युवा पीढ़ी को अमृत पीढ़ी कहा जा रहा है. मोदी सरकार ने अपने दस साल के शासन में युवाओं के सामने सिर्फ और सिर्फ नफरत का जहर ही परोसा है. हमने देश के 100 जिलों में रोजगार के सवाल पर जनमत संग्रह कराया जिसमें 3 लाख 70 हजार नौजवानों ने भाग लिया और 83% नौजवानों ने मोदी सरकार के दस साल को रिजेक्ट किया. 28 फ़रवरी को हम दिल्ली की सड़कों पर भी सरकार के दस साल का हिसाब मांगेंगे और आने वाले चुनाव में इसे गद्दी से उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

इलेक्टोरल बांड स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मोदी सरकार के भ्रष्टाचार की कलई खोल दी है. भाजपा इस स्कीम के माध्यम से पूंजीपतियों से पैसे लेती थी लेकिन छुपा कर. इसका सीधा मतलब है कि पैसे किसी खास मकसद से लिए जाते थे. सरकार बताए कि इन पैसों के बदले ये पूंजीपतियों को क्या लाभ पहुंचाते थे.

केंद्र सरकार में 30 लाख से ज्यादा पद खाली रहने के बावजूद इन्होने बहाली नहीं निकाली. इनका मंशा साफ़ है, बेरोजगारी बढ़ा कर देश के नौजवानों को कॉर्पोरेट के लिए सस्ता श्रमिक बनाना.

देश के नौजवानों पर भी विरोध करने पर लाठियां बरसाई गई, कानूनों की धाराएं लगा कर जेल में डाला गया. इन बातों को नौजवान भूलने वाले नहीं हैं. आने वाले चुनाव में इसका हिसाब लिया जाएगा और करारा जवाब दिया जाएगा. देश भर में किसानों - नौजवानों की मजबूत एकता इस सरकार को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब होगी.


पिछले लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोदी जी ने यहाँ के नौजवानों से उनके भविष्य को अब्रक कि तरह चमकाने का सपना दिखाया था. लेकिन यहाँ नौजवानों के सामने नफरत का जहर परोसने के अलावे इन्होने कुछ नहीं किया. बल्कि नौजवानों के भविष्य को पहले से ज्यादा संकट में डाल दिया. कोडरमा लोकसभा के नौजवान इस गद्दारी का बदला आने वाले चुनाव में जरूर लेंगे.
सभा की अध्यक्षता आरवाईए झारखण्ड के अध्यक्ष संदीप कुमार जायसवाल व संचालन गिरिडीह जिले के अध्यक्ष सोनू पांडेय ने किया.  युवा जोहार महासम्मेलन को माले नेता भुवनेश्वर केवट, आरवाईए राज्य सचिव अविनाश रंजन, राज्य उपाध्यक्ष शिव सिंह, राज्य सहसचिव जयबीर हांसदा, दिव्या भगत, शेर मोहम्मद, आइसा नेत्री विभा पुष्पा दीप, कुलदीप राय, सोमनाथ चटर्जी आदि युवा नेताओं ने संबोधित किया।

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