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उत्तरप्रदेश में शिक्षक आयोग को भंग किए जाने के खिलाफ आरवाईए ने किया विरोध प्रदर्शन


उत्तरप्रदेश में शिक्षक आयोग को भंग किए जाने के खिलाफ आरवाईए ने किया विरोध प्रदर्शन

 
आयोगों- बोर्डों को खत्म करने के खिलाफ आरवाईए ने किया प्रदर्शन।
योगी सरकार रोजगार विरोधी - आरवाईए

सभी शिक्षक आयोग- बोर्ड को भंग कर उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाने के सरकार के फैसले का इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने बालसन चौराहे के पास प्रदर्शन कर विरोध दर्ज किया।
प्रदर्शन के दौरान आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती अनियमित है, लाखों पद रिक्त हैं लेकिन भर्ती सही समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। आयोगों, बोर्डों में सदस्यों की संख्या पूरी नहीं रहती। यह हाल तब है जब अलग-अलग आयोग बोर्ड संचालित हो रहे हैं। आयोगों- बोर्डों के गठन के लिए आंदोलन करना पड़ता है तब जाकर फार्म, परीक्षा व नियुक्ति हो पाती है।

उन्होंने कहा कि एक आयोग बनाने के पीछे सरकार की मंशा नौजवान हितैषी होने के बजाय नौकरियों को खत्म करने की है। सरकार की रोजगार विरोधी नीति के खिलाफ आवाज न उठ सके इसके लिए ही आयोग इलाहाबाद के बजाय लखनऊ बनाने की कोशिश हो रही है।

आरवाईए के संयोजक सुमित गौतम ने कहा कि लगातार सरकार पदों को कम कर रही है। अलग-अलग परीक्षा कराने में यह बात स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। जिससे सरकार की किरकिरी होती है, इसके बजाय एक आयोग होने से उनके पास नौकरियों को प्रदर्शित करने का आंकड़ा बेहतर दिखाई देगा।

आरवाईए की सदस्य राखी ने कहा कि सरकार उच्चतर से लेकर माध्यमिक, प्राथमिक में पेपर लीक व भ्रष्टाचार को खत्म करने में फेल हो गई है। नौकरियों में भ्रष्टाचार आम होती जा रही है। ऐसे में एक आयोग बनाकर भ्रष्टाचार को और ही आसान बना दिया जाएगा। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में इंटरव्यू का अंक प्रतिशत बढ़ाकर सरकार मनमाना नियुक्ति का रास्ता आसान करेगी।
इंकलाबी नौजवान सभा ने नए आयोग को ना बनाकर पुराने आयोगों- बोर्डों को सुचारू रूप से संचालित करने की बात कही ताकि फिजूलखर्ची से भी बचा जा सके।

आज प्रदर्शन के दौरान वीरेंद्र रावत,प्रदीप कुमार, हर्षवर्धन कुमार, विजय शर्मा ,अनिरुद्ध गौतम, भानु कुमार , शक्ति, सामर्थ्य आदि साथी शामिल हुए।

प्रदीप कुमार, सह संयोजक, इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए)

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