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इंकलाबी नौजवान सभा का 7वां राष्ट्रीय सम्मेलन झारखंड के पलामू में संपन्न हुआ.  सम्मानजनक रोजगार के लिए तेज होगा देशव्यापी नौजवान आंदोलन. 



देश का संविधान-आजादी-लोकतंत्र-भाइचारे को बचाने के लिए एकजुट होने का लिया गया संकल्प.  
 
इंकलाबी नौजवान सभा का 7वां राष्ट्रीय सम्मेलन झारखंड के पलामू में संपन्न हुआ. सम्मानजनक रोजगार के लिए तेज होगा देशव्यापी नौजवान आंदोलन.
देश का संविधान-आजादी-लोकतंत्र-भाइचारे को बचाने के लिए एकजुट होने का लिया गया संकल्प.  

सम्मेलन रोहित वेमूला - चंदू  सभागार, कॉमरेड महेंद्र सिंह मंच और नीलांबर - पीतांबर नगर डालटेनगंज, झारखंड में सम्पन्न हुआ. मुख्य का नाम शहीद अशफ़ाक उल्ला खां के नाम से रखा गया. 
सम्मेलन में 18 राज्यों से 500 चुने हुए प्रतिनिधियों ने भाग लिया. 
सम्मेलन की विधिवत शुरुवात से पूर्व हाथों में लाल झंडा लिए डाल्टनगंज  की सड़कों पर हजारों नौजवानों ने नफरत का कारोबार बंद करो, शहीद नीलाम्बर-पिताम्बर के शहीद स्थल पर स्मारक का निर्माण करो, सम्मानजनक रोजगार का प्रबंध करो, अग्नीपथ भर्ती योजना वापस लो, देश की आजादी, संविधान, लोकतंत्र व भाईचारे पर हो रहे हमले का मुकाबला करो, रेलवे सहित देश के तमाम सरकारी कंपनियों संस्थानों को बेचने का फैसला वापस लो, इंकलाबी नौजवान सभा को मजबूत करो का नारा लगाते हुए मार्च किया. 

यह जुलूस विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए शहीद निलांबर - पीतांबर , भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और डॉ आम्बेडकर के प्रतिमा के समक्ष पहुँचा जहां माले महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य, माले के पोलित ब्यूरो सदस्य सह बगोदर विधायक विनोद सिंह, आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अंगियाव विधायक मनोज मंज़िल, राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार, सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जिरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा, बिहार के मानद अध्यक्ष व विधायक अजीत कुशवाहा एवं अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने शहीद स्मारको पर माल्यार्पण कर शहीदों के अधूरे सपनो को पूरा करने का संकल्प लिया।

इसके बाद संगठन के राष्ट्रीय सम्मानित अध्यक्ष सह जिरादई विधायक कॉमरेड अमरजीत कुशवाहा ने सम्मेलन स्थल पर झंडोत्तोलन किया फिर सभी साथियों के द्वारा शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर सभी शहीदों की याद में एक मिनट का मौन रख श्रधांजलि अर्पित किया सम्मेलन की विधिवत शुरुआत हुई।

सम्मेलन का उद्धघाटन भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा की 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर कर्तव्य पथ का उद्घाटन करते हुए कहा कि ‘राजपथ’ गुलामी का प्रतीक था। प्रधान मंत्री कार्यालय ने कहा कि यह बदलाव भारत को औपनिवेशिक अतीत से दूर ले जाने का प्रयास है। इसके अगले ही दिन मोदी सरकार ने उपनिवेशवाद और गुलामी के प्रतीकों के खिलाफ खड़े होने के अपने कर्तव्य को पूरी तरह त्याग दिया। सरकार ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में 11 सितंबर को राष्ट्रीय झंडा आधा झुका रहने का आधिकारिक बयान जारी किया है। ब्रिटेन की महारानी दुनिया भर में सैकड़ों वर्षों के औपनिवेशिक शोषण, गुलामी और लूट की प्रतीक हैं।

बगोदर विधायक कॉमरेड विनोद सिंह ने कहा कि आजादी के समय इंकलाब जिंदाबाद का नारा देश की जुबान पर था। मोदी की नफरत की राजनीति का मुकाबला भगत सिंह के देश प्रेम और भाईचारे के रास्ते किया जाएगा। शहीदों के सपनों का भारत बनाने के लिए इंक़लाबी नौजवान सभा संघर्ष को और तेज करेगी। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और डॉ अंबेदकर के सपनों के शोषण मुक्त और आधुनिक भारत की ओर बढ़ने के लिए संघी फासीवाद से भारत को मुक्त करना होगा। इसके लिए युवा आंदोलन को भगत सिंह का तेवर भी अख्तियार करने की जरूरत है।

माले केंद्रीय कमिटी सदस्य सह जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि रोजगार बांटने की वजह मोदी सरकार नफरत बांट रही है। कहा कि आज एक तरफ देश का नौजवान रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, सत्ता का दमन झेलते हुए लाठी और गोली झेल रहे हैं, अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए जेल जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ हर साल दो करोड़ नौकरी के वादे के साथ आई मोदी सरकार नौजवानों के बीच रोजगार बांटने के बजाय नफरत बांट रही है। विभागों में सालों साल से लाखों पद रिक्त हैं वही रोजगार मांग रहे नौजवान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। नौजवानों के सपनों और उम्मीदों को मारा जा रहा है।
सरकारी कंपनियों और संस्थानों को धड़ल्ले से निजीकरण किया जा रहा है, उनको बेचा जा रहा है। लगातार आरक्षण पर हमला किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार अडानी अंबानी समेत तमाम पूंजीपतियों की सेवा में लगी हुई है।
रोजगार के पूरे स्वरूप को बदलकर रख दिया गया है। नियमित और सम्मानजनक वेतन की नौकरी के बजाए नियोजन और ठेके पट्टे पर नौकरी मिल रही है। जिसमें ना सम्मानजनक वेतन है, ना पेंशन है और ना रिटायरमेंट है। मजबूरी में नौजवान अपमानजनक शर्तों पर सस्ते मजदूर बनकर काम करने को मजबूर हैं। जिसके खिलाफ इंकलाबी नौजवान सभा देश भर में निर्णायक आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है।

खुले सत्र को संबोधित करते हुए आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने छात्र–युवाओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। रोजगार मांग रहे छात्रों को जेल भेजा जा रहा है। मगर इस तानाशाही को देश का छात्र नौजवान बर्दाश्त नहीं करने वाला है। आए दिन छात्र–नौजवानों का उबाल सड़कों पर दिख रहा है। इस आक्रोश को आइसा - आरवाईए मिल कर आने वाले एक देशव्यापी आंदोलन में तब्दील करेगी।

दोपहर तक चले इस खुले सत्र के बाद देर रात तक सांगठिक सत्र चलता रहा। विदाई कमिटी की ओर से महासचिव नीरज कुमार ने संगठन के काम काज की रिपोर्ट पेश की जिसपर अगले दिन तक कई साथियों ने विस्तारपूर्वक विचार - विमर्श किया, तथा अपने सुझाओ को दर्ज करवाया और सर्वसहमति से रिपोर्ट पारित की। इस चर्चा में 47 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. 

फिर छात्र - युवा संगठन के केंद्रीय प्रभारी रवि राय की उपस्थिति में सम्मेलन ने 103 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद, 51 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी, 6 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और 6 राष्ट्रीय सचिव का चुनाव किया।
सर्वसहमति से मनोज मंजिल राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुमार राष्ट्रीय महासचिव चुने गए।

सम्मेलन से चुने गए राष्ट्रीय पदाधिकारी टीम में मनोज मंज़िल राष्ट्रीय अध्यक्ष, नीरज कुमार राष्ट्रीय महासचिव, आफ़ताब आलम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कुंती तांती राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राकेश सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जीवन सुरुडे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,  विंडर अलख राज्य उपाध्यक्ष, सूंदर राज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सबा परवीन राष्ट्रीय सचिव, अमूष कुमार तांती राष्ट्रीय सचिव, जीबो पांगचु राष्ट्रीय सचिव,  रंजय सेन गुप्ता राष्ट्रीय सचिव ,  संदीप जयसवाल राष्ट्रीय सचिव,  और एम कैलाश राष्ट्रीय सचिव चुने गए। 

सम्मेलन में तोड़णद्वार, झंडे व परचम से की गयी भव्य सजावट और झारखंड, असम और तमिलनाडु के साथियों के द्वारा की गई सांस्कृतिक प्रस्तुति से आसपास के इलाके में उत्सव का वातावरण बन गया था. आसपास के वरिष्ठ नागरिकों और बुद्धिजीवियों का भी सम्मेलन को व्यापक सक्रिय समर्थन मिला.
सम्मेलन ने नौजवानों के सामने मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा करते आगे देशव्यापी निर्णायक आंदोलन खाड़ी करने व संगठन का विस्तार करने की विस्तृत योजना बनाई. 

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