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इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) की बिहार राज्य परिषद की एक दिवसीय बैठक 8 जनवरी, 2024 को पटना में सम्पन्न


17 जनवरी को रोहित वेमुला के शहादत दिवस पर सामाजिक न्याय और रोजगार के सवाल पर देशव्यापी ‘न्याय मार्च’

 
इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) की बिहार राज्य परिषद की एक दिवसीय बैठक 8 जनवरी, 2024 को पटना में सम्पन्न हुई।

बैठक में आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड नीरज कुमार व राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड आफताब आलम शामिल रहे। बैठक में मौजूदा राजनीतिक परिस्थियों व पुणे राष्ट्रीय परिषद बैठक के फैसले व प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की गई।

बैठक से आगामी 17 जनवरी को रोहित वेमुला के शहादत दिवस पर सामाजिक न्याय और रोजगार के सवाल पर देशव्यापी ‘न्याय मार्च’ निकालने, सीपीआई एमएल बिहार राज्य कमेटी की तरफ से श्री कर्पूरी ठाकुर जयंती से गांधी जी के शहादत दिवस तक चलने वाली संविधान बचाओ - लोकतंत्र बचाओ जनसंकल्प अभियान 24 से 30 जनवरी को नौजवानों की बड़ी गोलबंदी के साथ शामिल होने एवं 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र–संविधान-आज़ादी तिरंगा यात्रा निकाल संविधान की प्रस्तावना का पाठ करने एवं सभी जिलों की बैठक कर पंचायत, प्रखंड, जिला सम्मलेन और युवा कन्वेंशन करने का निर्णय लिया गया।

बैठक को संबोधित करते हुए आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि दस साल पहले 2014 में देश के नागरिकों को खास कर युवाओं को बेहतर भविष्य का सपना दिखा कर एक सरकार सत्ता में आई, मोदी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा करने को है. ऐसे समय को हम नौजवानों को इस सरकार के दस साल के शासन का हिसाब-किताब करना जरूरी है. हम जानते हैं इंडिया नौजवानों का देश है और इसके तरक्की की जिम्मेदारी भी नौजवानों के कन्धों पर है।

ऐसे समय में हम नौजवानों की यह जिम्मेदारी है की इस दस साल के शासन का मूल्यांकन करें और उसके आधार पर सरकार से सवाल करें. इन दस सालों में सरकार की यही उपलब्धि रही है कि जिस काल में पूरी सत्ता और मीडिया ने मिल कर नफरत का जहर आम लोगों के सामने परोसा, उस काल का नाम "अमृतकाल" दिया गया, जिस पीढ़ी की पीठ पर इस मोदी शासन की लाठी सबसे ज्यादा जोर से लगी है उस पीढ़ी का नाम "अमृतपीढ़ी" दिया गया है. विनाश और विध्वंस को विकास बताया जा रहा है. देशी-विदेशी पूँजी पर निर्भरता को "आत्मनिर्भर भारत" बताया जा रहा है. जहाँ सत्ता द्वारा हर दिन लोकतंत्र का कत्लेआम किया जा रहा है उसे "मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी" कहा जा रहा है. अडानी जैसे अपने दुलारे पूंजीपतियों के विकास को "सबका साथ-सबका विकास" कहा जा रहा है और दुनिया की बड़ी ताकत बनने का दावा करने वाली मोदी सरकार की सच्चाई यह है कि वर्ल्ड बैंक के एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में युवा बेरोजगारी दर पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान और चीन से ज्यादा है. वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में भारत का स्थान 125 देशों की सूचि में 111वां है, यह स्थान पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल से भी नीचे है। इसलिए देश का नौजवान सरकार के दस साल पूरे होने पर इन तबाही-बर्बादी-विनाश का हिसाब लेने को तैयार है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि लोकसभा चुनाव को संघ-भाजपा राम मंदिर के नाम पर लड़ने की पूरी तैयारी कर रखी है। रोजगार का सपना दिखा कर सत्ता में आई सरकार अब दस साल पूरा होने के बाद अक्षत और भभूत बाँट कर अपनी नाकामियों को ढकना चाह रही है. ऐसे समय में हमें देश के नौजवानों को संघ-भाजपा के नफरती चालबाजियों से नौजवानों को सावधान करना होगा और रोजगार के सवाल को मजबूती से सामने लाकर सरकार से सवाल करने होंगे, जबाव मागना होगा।

इस बैठक की अध्यक्षता आरवाईए के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन ने किया.बैठक में संगठन के राज्य उपाध्यक्ष तारीख अनवर,राज्य सह-सचिव संदीप चौधरी, जय शंकर पंडित, वतन कुमार,कार्यालय सचिव विनय कुमार,मिथलेश कुमार,साधु सरण, पंचम मांझी,सुमित कुमार यादव, ओनम सिंह, मो. इमरान अली सहित राज्य परिषद के अन्य सदस्य शामिल थे।

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