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आरवाईए द्वारा कराए गए जनमत संग्रह में 3.7 लाख नौजवानों ने हिस्सा लिया, 83% ने मोदी के 10 साल को रिजेक्ट किया.


 जनमत संग्रह के मतों की गिनती करते हुए वोलेंटियर

28 फ़रवरी को देश भर से युवाओं का होगा दिल्ली में जुटान, जंतर-मंतर पर

यंग इंडिया रैली !

 
18-19 फ़रवरी को देश के 100 जिलों में आरवाईए ने यंग इंडिया जनमत संग्रह आयोजित किया जिसमें 3 लाख 70 हजार नौजवानों ने हिस्सा लिया. 83 % नौजवानों ने नरेन्द्र मोदी के 10 साल के शासन को रिजेक्ट किया.
जनमत संग्रह में पूछे गए प्रमुख सवाल:
1. क्या दस साल में 30 लाख सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों को नहीं भरा जाना सही है? 
2. क्या सभी बेरोजगार नौजवानों ले लिए दस हजार बेरोजगारी भत्ता की मांग करना गलत है?
3. क्या सेना में 4 साल के लिए ठेका पर बहाली सही है?
युवाओं के बीच चले इस जनमत संग्रह 3 लाख 70 हजार नौजवानों ने भाग लिया. जिसमें से 83 प्रतिशत नौजवानों ने कहा कि:

1.       मोदी सरकार ने 30 लाख रिक्त पदों को नहीं भर कर गलत किया है.
2.       मोदी सरकार को सभी बेरोजगार नौजवानों को 10000 प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए.
3.       मोदी सरकार ने आर्मी की बहाली को 4 साल के लिए ठेका पर कर नौजवानों के साथ गलत किया है.

 28 सितंबर को इन सवालों को लेकर नौजवान दिल्ली में जुटेंगे और जंतर-मंतर पर यंग इंडिया रैली करेंगे.

आरवाईए राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा कि नौजवान आन्दोलन की मांग रही है कि मोदी सरकार रोजगार पर श्वेतपत्र लाए. देश को बताए कि पिछले 10 साल के शासन में उन्होंने कितने नौजवानों को रोजगार दिया. लेकिन सरकार के द्वारा श्वेतपत्र लाने की बात तो दूर रोजगार पर बात करना भी बंद कर दिया. संसद में बजट पेश करते हुए ना ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसपर एक शब्द खर्च किया, ना प्रधानमंत्री मोदी ने और ना ही राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका कोई जिक्र हुआ. इसलिए आरवाईए ने नौजवानों के बीच जाकर उनकी राय जानने के लिए देश भर में जनमत संग्रह कराने का फैसला किया. यह जनमत संग्रह देश के 17 राज्यों में कराया गया. 

आज मोदी सरकार किसानों के साथ दुश्मन जैसा बर्ताव कर रही है. किसानों पर टियर गैस के गोले बरसाए जा रहे हैं, सड़कों पर कील ऐसे लगाया गया हो जैसे देश पर हमले से बचाव के लिए लगाया गया हो. हम सरकार के इस बर्ताव की निंदा करते हैं और किसान आन्दोलन के साथ मजबूती से खड़े हैं.
पिछले दस साल के मोदी सरकार ने देश में बेरोजगारों की फौज खडी कर दी है. नौकरियों के 30 लाख से ज्यादा पद खाली पदों को दस साल में नहीं भरा गया ऊपर से पदों को ख़त्म भी किया गया. भारतीय रेलवे में 3 लाख से ज्यादा पद खाली परे हैं लेकिन मोदी सरकार की इसे भरने में कोई रूचि नहीं है. रेलवे को नीलामी के बाज़ार में रख दिया गया है ट्रेन, स्टेशन, प्लेटफार्म, रूट स्टेडियम, स्कूल बेचे जा रहे हैं और बाडे पैमाने पर ठेकाकरण किया जा रहा है.
100 से ज्यादा सरकारी कंपनियों के कुछ ना कुछ शेयर बेचे गए. गया जिससे नौजवानों की नौकरियां तो प्रभावित हुई ही साथ ही साथ देश की आमदनी भी प्रभावित हुई. सेना में अग्निपथ योजना लाकर बहाली को ठेका पर कर नौजवानों के भविष्य पर बुलडोजर चलाया गया. नौकरी पाने की उम्र में उन्हें रिटायरमेंट का पेपर थमा दिया गया है. सुरक्षा मामलों के जानकारों का यह भी मानना है कि यह ना सिर्फ नौजवानों के भविष्य बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है.
जिन नौजवानों के हाथ को काम चाहिए उनके हाथ में तलवार थमा कर मुसलमानों का मोहल्ला दिया दिया जा रहा है. रोजगार चाहने वाले हाथ में नफरत परोसा जा रहा है, उन्हें नफरत के इस कारोबार में झोंक देने की चौतरफा कोशिश हो रही है और इस दौर को ‘अमृत काल’ बताया जा रहा है. ऐसे समय में नौजवानों की यह जिम्मेदारी है की वो इस तबाही बर्बादी के खिलाफ बहादुरी से खड़ें हों.

 रोजगार के सवाल पर जनमत संग्रह में भाग लेते नौजवान

आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि दस साल के मोदी शासन ने देश को तबाही और बर्बादी की ओर ले गया है. देश पर तानाशाही थोप दी गई है विरोध की आवाज को कुचला जा रहा है. देश भर में अपने अधिकार की मांग करने वालों को जेल भेज कर खामोश करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे समय में यह जरूरी है कि नौजवान संगठित होकर इसका मुकाबला करें और आने वाले लोकसभा चुनाव में इस सरकार को सत्ता से बेदखल किया जाए. 28 फ़रवरी को देश भर से युवा शिक्षा- रोजगार पर दस साल के शासन का हिसाब मांगने दिल्ली जाएंगे. हम नौजवानों से अपील करते हैं कि हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंचें और मोदी सरकार से दस का हिसाब मांगें.  
नीरज कुमार, राष्ट्रीय महासचिव, आरवाईए
आफताब आलम, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरवाईए 

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