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आरवाईए की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक ने नफरत के खिलाफ रोजगार के लिए निर्णायक आन्दोलन की बनाई योजना


इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक ने नफरत के खिलाफ रोजगार के लिए निर्णायक आन्दोलन की बनाई योजना.

 
इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक ने नफरत के खिलाफ रोजगार के लिए निर्णायक आन्दोलन की बनाई योजना.

कॉमरेड आफ़ताब आलम सर्वसम्मति से चुने गए नए राष्ट्रीय अध्यक्ष, संसद के मानसून सत्र में दिल्ली में जुटेंगे देश भर से नौजवान. 
आरवाईए की दो दिवसीय बैठक हरियाणा के फतेहाबाद जिले में संपन्न हुई जिसमें देश भर के 18 राज्यों से राष्ट्रीय परिषद् सदस्यों ने भाग लिया. बैठक में संगठन के काम-काज की समीक्षा की गई और नफरत के खिलाफ रोजगार के लिए आगामी आन्दोलन की रूपरेखा तैयार की गई. 

बैठक के पहले दिन जेंडर सेंसटाईजेशन पर कार्यशाला आयोजित किया गया जिसे अम्बेडकर विश्वविद्यालय में अध्यापक शिवानी नाग ने संबोधित किया. बैठक ने महिलाओं की भूमिका व भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया. संगठन में महिलाओं को लेकर ज्यादा जेंडर सेंसटिव होते हुए उनको अपने आंदोलन में शामिल करते हुए संगठन व कमेटियों में भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
साथ ही संगठन ने 7 सदस्यीय जेंडर सेंसटाइजेशन सेल और 5 सदस्यीय कम्पलेंट कमिटी का गठन किया जो संगठन में सेंसटाईजेशन करेगी और शिकायतों का निवारण करेगी.

बैठक में भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य रवि राय, खेग्रामस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व अगिआव से विधायक मनोज मंजिल आरवाईए महासचिव नीरज कुमार, नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम सहित राष्ट्रीय सचिव सबा परवीन, बंगाल के राज्य सचिव रंजय सेन गुप्ता, महाराष्ट्र के सचिव जीवन शुरूडे, तमिलनाडु के एम सुंदरराज, झारखंड के राज्य अध्यक्ष संदीप जयसवाल, झारखण्ड से दिव्या भगत, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राकेश सिंह व अनीता, हरियाणा से गुरप्रीत रतिया, असम से राजन आदि राष्ट्रीय नेता उपस्थित रहे.

बिहार, बंगाल में खास तौर पर अभी रामनवमी में हुए साम्प्रदायिक उन्माद और हिंसा में लगे दक्षिणपंथी संगठनों के मंसूबों को नाकाम करने व नौजवानों को हक-अधिकार व रोजगार देने के बजाए उनको दंगा-फसाद और उन्माद में इस्तेमाल के खिलाफ पहलकदमी लेने का निर्णय लिया गया।

14 अप्रैल को सांप्रदायिक उन्माद विरोधी दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया. बैठक ने डॉ. अम्बेडकर जयंती पर नौजवानों की बड़ी भागीदारी के साथ कार्यक्रम आयोजित करने व उनके विचारों को जन-जन तक ले जाने की गंभीरता से योजना बनाई. 
बैठक ने देश भर में नौजवानों के बीच संपर्क अभियान की योजना बनाई जिसके तहत संगठन गाँव-गाँव में नौजवानों के बीच संवाद आयोजित करेगा. प्रखंड/ जिला/ राज्य स्तर पर यूथ असेम्बली आयोजित किया जाएगा. देश भर के नौजवानों को संगठित करते हुए संसद के मानसून सत्र में संसद के समक्ष यूथ पार्लियामेंट आयोजित करेगा.

संगठन ने नौजवानों के बीच सांस्कृतिक टीम, स्पोर्ट्स एक्टिविटी, पुस्तकालय आदि संचालित करने की योजना बनाई. मजदूर बस्तियों में पहले से चल रहे भगत सिंह-अम्बेडकर पाठशाला/ पुस्तकालय को और भी बढ़ाने की योजना बनाई गई. 

आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आरवाईए लगातार पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ नौजवानों की एकता व प्रतिरोध को आगे बढ़ाने और सम्मानजनक  रोजगार के लिए गंभीरता से काम कर रहा है। मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल भी ख़त्म होने वाला लेकिन नौजवानों को सिर्फ धोखा और नफरत का जहर ही मिला. नौजवानों को धोखा-नफरत और अपने दुलारे पूंजीपति अडानी को रेबड़ी परोसने के खिलाफ निर्णायक आन्दोलन चलाकर इस सरकार को सत्ता से बाहर करने का समय आ गया है. 

मोदी सरकार के वादे के हिसाब से 18 करोड़ नौजवानों को रोजगार मिल जाना चाहिए था लेकिन इस 9 साल की सच्चाई यह है कि रोजगार के नए अवसर सृजित करने की बात तो दूर पहले से 60 लाख खाली पदों को भी नहीं भरा गया. स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया और मुद्रा योजना पूरी तरह से नौजवानों को ठगने वाली योजना साबित हुई. रोजगार के अवसरों को कॉर्पोरेट के हाथों नीलाम किया गया. सरकारी संस्थानों को बेच कर रोजगार के अवसरों को ख़त्म कर दिया गया. पिछले 70 सालों में रोजगर के जो अवसर हासिल किए गए जिसके दम पर नौजवान सरकारी नौकरियों में जाने का सपना देखते थे, इस सरकार ने उन सपनों को भी नीलाम कर दिया. अब नौजवानों के सामने संगठित होकर इस सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन छोड़ कर सत्ता से बाहर कर देने के अलावे कोई और रास्ता नहीं है. इसलिए आरवाईए ने यह फैसला किया है कि गाँव-गाँव में जायेंगे, नौजवानों को संगठित करेंगे और संसद के मानसून सत्र में बड़ी गोलबंदी के साथ दिल्ली में यूथ पार्लियामेंट लगायेंगे. 

बैठक के दूसरे दिन शामिल हुए भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य व आरवाईए के केंद्रीय प्रभारी रवि राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने नौजवानों को सिर्फ धोखा देने का काम किया है। रोजगार के मोर्चे पर फेल यह सरकार नौजवानों को उन्माद-उत्पात और हिंसा की तरफ धकेल रही है। पूरे देश का नौजवान आज रोजगार, बेहतर अवसर व सुरक्षित माहौल के लिए संघर्ष कर रहा है। जिस तरह से भाजपा और उसके आइटी सेल ने तमिलनाडु को लेकर अफवाह फैलाया, जिसके कारण लाखों लोगों को भागना पड़ा और आज वो रोजगार खोकर डर-भय के माहौल में जी रहे हैं। आरवाईए भाजपा के इस मॉडल का लोगों के बीच पर्दाफाश करते हुए सम्मानजनक रोजगार के सवाल पर नौजवानों की बड़ी गोलबंदी करेगा.  

आरवाईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार आज आजादी, लोकतंत्र, संविधान व भाईचारे पर हमला कर इसे कमजोर करने का प्रयास कर रही है। आऱवाईए इसे किसी भी हालत में साकार नहीं होने देगा व नौजवानों की एकजुटता से नाकाम करेगा। 

आरवाईए राष्ट्रीय परिषद् ने सर्वसम्मति से आफताब आलम को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना. नवनिर्वाचित अध्यक्ष आफताब आलम ने परिषद् को संबोधित करते हुए कहा कि आज नौजवानों के सामने जिस तरह की चुनौतियाँ हैं, उसे लेते हुए नौजवानों पर हो रहे हमले का मुकाबला करते हुए संगठन को और भी ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत है. संगठन इस जरूरत को पूरा करेगा. देश भर में नफरत व उन्माद के खिलाफ और सम्मानजनक रोजगार, आजादी, संविधान और भाईचारे को बचाने के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में एक देशव्यापी अभियान लेते हुए दिल्ली में जुटान किया जायेगा।

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