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असम आरवाईए का पहला राज्य सम्मेलन से अग्निपथ योजना वापस लेने व बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुँचाने की मांग की गई ! 


संगठन का विस्तार करते हुए आंदोलन को निर्णायक बनाने के संकल्प के साथ आरवाईए असम का पहला राज्य सम्मेलन सम्पन्न हुआ। 

 

असम आरवाईए का पहला राज्य सम्मेलन से अग्निपथ योजना वापस लेने व बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुँचाने की मांग की गई ! 
संगठन का विस्तार करते हुए आंदोलन को निर्णायक बनाने के संकल्प के साथ आरवाईए असम का पहला राज्य सम्मेलन सम्पन्न हुआ। 

कुंती तांती और अमुस कुमार तांती चुने गए राज्य के अध्यक्ष और सचिव। सम्मेलन ने 19 सदस्यीय राज्य स्तरीय कमेटी का चुनाव किया। परिमल गोड़ और दीप ग्वाला उपाध्यक्ष व राज्य सहसचिव चुने गए। 

19-20 जून को आरवाईए असम का पहला राज्य सम्मेलन जोरहाट जिले में संपन्न हुआ. सम्मेलन ने कुंती तांती और अमुस कुमार तांती को राज्य के अध्यक्ष और सचिव चुना. सम्मेलन ने 19 सदस्यीय राज्य स्तरीय कमेटी का चुनाव किया। परिमल गोड़ और दीप ग्वाला उपाध्यक्ष व राज्य सहसचिव चुने गए। सम्मेलन में 6 जिलों से 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने कहा की आज पूरा असम बाढ़ की चपेट में है लेकिन सरकार के लिए यह चिंता का विषय नहीं है कि कैसे लोगों के जान-माल की हिफाजत की जाए.  सरकार बिना किसी देरी के बाढ़ पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाए, रहने खाने का प्रबंध करे, साथ ही साथ जान-माल का नुकसान उठाए लोगों को उचित मुआवजा दे. 

मोदी सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना लाकर देश के नौजवानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है. देश के करोड़ों नौजवान सेना में जाने का सपना देखते हैं, तैयारी करते हैं, उनके लिए चार साल के लिए ठेके पर बहाली का फैसला सरकार द्वारा किया गया बहुत बड़ा धोखा है. सरकार को इसे तुरंत वापस लेना होगा. 

हर साल दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार में रोजगार देना तो दूर पहले से रोजगार कर रहे दो करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार छीन लिया गया. आज देश को बेरोजगारी के ऐतिहासिक दौर में धकेल दिया गया है. आज़ाद भारत में इतनी बेरोजगारी पहले कभी नहीं थी. 
एक तरफ ऐतिहासिक बेरोजगारी दूसरी तरफ जानलेवा मंहगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आज देश की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक गिरावट का सामना कर रही है, भारतीय रूपया डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक गिरावट झेल रहा है. इस सरकार के शासन ने देश को तबाही की ओर धकेल दिया है. 
देश की आज़ादी, संविधान, लोकतंत्र व भाईचारे पर लगातार हमले हो रहे हैं, विरोध की आवाज़ को कुचलने का अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे समय में संगठित होकर इस हमले व तबाही-बर्बादी के दौर का मुकाबला करने की जरूरत है. आरवाईए अपना 7वां राष्ट्रीय सम्मलेन झारखण्ड के पलामू में करने जा रहा है. सम्मलेन में देश में बड़े नौजवान आन्दोलन की तैयारी की जाएगी. गाँव-गाँव में हमारे साथी जाएँ और नौजवानों को संगठन से जोड़ें, संगठन का विस्तार करें और राष्ट्रीय सम्मलेन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दें. 

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