PET अभ्यर्थियों के मौत की जिम्मेदारी ले योगी आदित्यनाथ सरकार, नौजवानों के भविष्य से खिलवार नहीं चलेगा: आरवाईए
PET अभ्यर्थियों के मौत की जिम्मेदारी ले योगी आदित्यनाथ सरकार, नौजवानों के भविष्य से खिलवार नहीं चलेगा: आरवाईए
PET अभ्यर्थियों के मौत की जिम्मेदारी ले योगी आदित्यनाथ सरकार, नौजवानों के भविष्य से खिलवार नहीं चलेगा: आरवाईए
इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने अपनी जान गवाएं पेट अभ्यर्थियों को दी श्रद्धांजलि।
इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के राज्यव्यापी आह्वान के तहत लखनऊ, गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, गोरखपुर, इलाहाबाद, फैज़ाबाद, जौनपुर समेत कई जिलों में पेट परीक्षा के दौरान जीवन गवाने वाले नौजवानों को श्रद्धांजलि दी।
कार्यकर्ताओं ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पेट परीक्षा का कॉमन कटऑफ जारी करो, परीक्षा के दौरान हुई मौतों का जबावदेह कौन? योगी सरकार जबाव दो, सेना में 4 साल (अग्निवीर) के बजाय स्थाई भर्ती करो, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराओ आदि सवालों को लेकर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा PET (Preliminary Eligibility Test) की परीक्षा 15 व 16 अक्टूबर, 2022 को 04 पालियों में आयोजित हुआ। जिसमें कुल 37.50 लाख से अधिक परीक्षार्थी फॉर्म भरे थे। इस परीक्षा के दौरान अपना जीवन गवा चुके अभ्यर्थियों को श्रद्धांजलि देकर हादसे के शिकार हुए परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए नेताओं ने कहा कि अब तक ज्ञात 07 नौजवानों की मौत का जिम्मेदार कौन? इतनी बड़ी परीक्षा को आयोजित करने में इस तरह की लापरवाही क्यों की गई? नकल रोकने के नाम पर सेंटर को इतना दूरदराज भेजा गया जबकि इस पूरी परीक्षा से एक भी नौकरी नहीं मिल रही है। यह सिर्फ क्वालीफाइंग परीक्षा है।
निम्नलिखित मांगों के साथ आरवाईए ने राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा:-
1) सरकार परीक्षा के दौरान हुई मौत की जिम्मेदारी ले और मृत नौजवानों के परिवार से माफी मांगे और मुआवजा के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे। साथ ही साथ उनसे भी माफी मांगे जिनको परीक्षा के दौरान परेशानी झेलनी पड़ी और जिन की परीक्षा अव्यवस्था के कारण छूट गई।
2) पेट परीक्षा का कॉमन कट ऑफ जारी किया जाए।
3) नई शिक्षक भर्ती परीक्षा का विज्ञापन शीघ्र जारी किया जाए।
4) UPHESC में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करायी जाए।
5) सेना में 04साल (अग्निवीर) के बजाय स्थाई भर्ती किया जाए।
इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पीईटी और टीईटी की परीक्षा सिर्फ नौजवानों को अयोग्य घोषित करने के लिए ही आयोजित होती है। जो अभ्यर्थी यह परीक्षा पास नहीं कर पाते वे अगली परीक्षा का फार्म नहीं भर सकते। इस परीक्षा में कोई भी नौकरी नहीं मिलती यानि इस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को भी सिर्फ और सिर्फ अगली परीक्षा के लिए ही योग्य माना जाएगा। टेट परीक्षा के लिए योग्य अभ्यर्थी वही होता है जो बीएड(B.Ed), डीएलड (D.El.Ed), बीटीसी (BTC) की डिग्री हासिल किया हुआ है, तो क्या इसका यह मतलब हुआ कि यह डिग्री हासिल करने से योग्यता प्राप्त नहीं होती। अब आप सोचिए की प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक बनने व छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए किस तरह की योग्यता चाहिए। अधिक योग्यता हासिल करके आने वाले अभ्यर्थी उतना मुफीद नहीं होंगे क्योंकि उनको पहले से ही हीनता बोध सताता है कि उच्च डिग्री प्राप्त करने के बावजूद हमें छोटी नौकरी प्राप्त हुई। लिहाजा जो जिस योग्य अभ्यर्थी है उसको उस अनुसार नौकरी मिले।
राज्य सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि उच्चतर शिक्षा से लेकर प्राथमिक शिक्षा तक की नियुक्ति में भ्रष्टाचार पेपर आउट होना आम घटना हो गई है। उसके साथ-साथ डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के नाम पर अपने लोगों को ही नियुक्त देने की योजना बन गई है, आईएएस में लेटरल इंट्री से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति आउटसोर्सिंग से होने लगी हो। सेना की नियुक्ति अग्निवीर के नाम पर ठेका प्रथा लागू कर दिया गया है। सरकारी संस्थाओं को बेचने के कारण लगातार नौकरियों की संख्या में कटौती साफ-साफ दिख रही है। उन्होंने नौजवानों से संगठित आंदोलन को तेज करने की अपील की।
आज हुए प्रदर्शन का नेतृत्व लखनऊ में इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सहसचिव राजीव गुप्ता, मिर्जापुर में प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मराज कोल, सतीश यादव, अमरेश भारती, चंदौली में राज्य सहसचिव ठाकुर प्रसाद, अनीता, गाजीपुर में प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुशवाहा, जिलाध्यक्ष प्रदीप भारती, फैज़ाबाद में अजय शर्मा, जौनपुर में संजीव कुमार समेत सैकड़ों नौजवान शामिल हुए।
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