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31 मार्च को देशभर में आरवाईए ने मनाया चंदू की शहादत दिवस, लोकतांत्रिक-समतामूलक समाज बनाने का लिया संकल्प


31 मार्च को देशभर में आरवाईए ने मनाया चंदू की शहादत दिवस, लोकतांत्रिक-समतामूलक समाज बनाने का लिया संकल्प

 
31 मार्च को देशभर में आरवाईए ने मनाया चंदू की शहादत दिवस, लोकतांत्रिक-समतामूलक समाज बनाने का लिया संकल्प.  
आरवाईए 23 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी रोजगार बचाओ - देश बचाओ अभियान चला रही है। इसी कड़ी में 31 मार्च शुक्रवार के दिन जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कॉमरेड चंद्रशेखर के शहादत दिवस पर देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित किए गए।

बिहार के आरा, सिवान और दरभंगा में कॉमरेड चंद्रशेखर की याद में कन्वेंशन, झारखंड के गिरिडीह, बगोदर, देवघर, बोकारो और देवरी में श्रद्धांजली सभा एवं असम के जोरहाट, तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ जिले के कई हिस्सों में संगठन की नई कमिटी गठित कर कॉमरेड चंद्रशेखर के अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प लिया तो वहीं तमिलनाडु के मदुरई जिले में छात्र-युवा कन्वेंशन आयोजित की गई जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-नौजवान शामिल होकर चारू-चंदू-भगत सिंह की क्रांतिकारी विरासत की हिफाजत करने एवं शिक्षा-रोजगार पर हो रहे चौतरफा हमले और सरकारी संस्थानों के निजीकरण के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने का संकल्प लिया।

31 मार्च जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर का शहादत दिवस है.  1997 में इसी दिन सिवान में चंद्रशेखर और उनके साथी श्याम नारायण यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। लेकिन कॉमरेड चंद्रशेखर अपने शहादत के 26 वर्षों बाद भी युवाओं के प्रेरणास्तंभ बने हुए है।

चंदू ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहते हुए फीस वृद्धि के खिलाफ एतिहासिक आन्दोलन चलाया और जीत हासिल कर फीस वृद्धि को वापस करवाया ताकि गरीब परिवार से आने वाले विद्यार्थी भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके.  

चंदू के अध्यक्ष रहते हुए ही  जेएनयू में डीप्राइवेशन पॉइंट लागू करवाया जिससे पिछड़े जिलों (जहाँ पढ़ने की जरूरी सुविधाओं व परिस्थिति का आभाव है) से आने वाले विद्यार्थियों के लिए तिरिक्त पॉइंट देकर दाखिले में मदद की जा सके. 

चंदू मानते थे की किसी भी शैक्षणिक संस्थान में सभी को पढ़ने का हक़ होना चाहिए. पैसों के कारण किसी को भी शिक्षा से वंचित नहीं रहने देना चाहिए और इसके लिए वो लगातार संघर्ष करते रहे. 

आज जब सरकार नई शिक्षा नीति लाकर आम विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित करने की मुहीम चलाई जा रही है तब चंदू हमें इसके खिलाफ उठ खड़े होने और संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं. 

आज देश को बेरोजगारी के समुद्र में तब्दील कर नफरत का कारोबार चलाया जा रहा है ऐसे समय में चंदू याद आते हैं और रोजगार के अवसरों को बचाने की प्रेरणा देते हैं. मोदी सरकार ने युवाओं को प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था लेकिन यह सरकार रोजगार देने की बजाय नौजवानों के सामने नफ़रत और विभाजन परोस रही है. इसलिए आरवाईए आज चंदू के शहादत दिवस को रोजगार अधिकार दिवस के रूप में मना रहा है और बेरोजगारी के खिलाफ निर्णायक आन्दोलन करने का संकल्प ले रहा है. 

चंदू लोकतांत्रिक व बराबरी आधारित समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे. आज जब देश की आजादी, लोकतंत्र और संविधान पर चौतरफा हमले हो रहे हैं, नफरत की आग में देश को झोंकने की रात-दिन कोशिशें हो रही है, हिंदू राष्ट्र के नाम पर भाजपा आरएसएस देश में नफरत का कारोबार चला रही है, संविधान की जगह मनुस्मृति थोपने की कोशिशें हो रही है, देश की गोदी मीडिया भी सरकार के निर्देश पर घर-घर भाजपा के नफरती एजेंडे को पहुंचा रही है. ऐसे समय में कॉमरेड चंदू के विचार आज और भी ज्यादा प्रसांगिक हो जाते हैं और हमें इस दौर का डटकर मुकाबला करने की प्रेरणा देते हैं. 

इसलिए ऐसे समय में देश के नौजवानों की जिम्मेदारी है कि इन हमलों का मुकाबला करते हुए भगत सिंह, चंदू और अंबेडकर सहित हमारे सभी अमर शहीदों के सपनों का देश बनाने के लिए और ज्यादा संगठित होकर संघर्ष को और तेज करें. 

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